Saturday, September 25, 2010

आसमानी इंतजार

उंगलियों में तेज जलन है...आज हरी मिर्च को मिक्सी में नहीं पीसा, कद्दूकस कर दिया है...

आलू मीठे हैं और सब्जी को तीता करना था न...इसलिए खूब हरी मिर्च कद्दूकस की...

लेकिन मीठे आलू की तीती तरी से क्या पूरी सब्जी वैसी ही बन पाएगी जैसी कि उसे होना चाहिए...

ऐसा लगता है कि कुछ किस्मतें इंतजार की धूप में लिखी जाती हैं और इसलिए इबारत चाहें कुछ भी कहे पर इंतजार की धूप से किस्मतवाले का पीछा छूटना नहीं लिखा होता...

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यहां रोमन में लिखें अपनी बात। स्पेसबार दबाते ही वह देवनागरी लिपि में तब्दील होती दिखेगी।